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रिश्तों की यह कैसी केमिस्ट्री!

पहली नजर में देखें तो शीना बोरा हत्याकांड हमारे समाज में रिश्तों  के बिखरते ताने-बाने की कहानी सरीखा नजर आता है. हर रोज मामले की परतें खुलने के साथ गुत्थी जो सुलझने की बजाय उलझती जाती है. यह रिश्तों की नई केमिस्ट्री है, जिसमें से भरोसा नामक तत्व गायब हो चुका है. अपनी बेटी को बहन बताती आई परी बोरा उर्फ इंद्राणी मुखर्जी पर उसी की जान लेने का आरोप है. शीना की मौत के लिए कौन-कौन जिम्मेरदार है यह तो मुंबई पुलिस पता लगा ही लेगी. बहरहाल रिश्तों के कत्ल के पीछे के असल कारणों का पता लग पाएगा यह कहना जरा मुश्किल है. कभी मुश्किल हालात में संबल बनने वाले रिश्ते परेशानी का सबब बनेंगे यह किसी ने सोचा भी नहीं होगा. उनकी नींव इतनी कमजोर कैसे हो गई. वह तो कठिन समय में इमोशनल बैलेंस बनाए रखने में मददगार हुआ करते थे. संतुलन की जगह इमोशनल डिसकनेक्टं ने कैसे ले ली, खाली जगह जिसे भरने के लिए उपाय सोचते जिंदगी बीत जाती है. उलझे हुए रिश्तों  की यह न तो पहली कहानी है और न आखिरी. नैना साहनी, आरुषि से लेकर नीरज ग्रोवर हत्यानकांड तक हम कई बार इस उलझन के अलग-अलग रूप देख चुके हैं. परी बोरा की कहानी में पैसे, ग