रियो ओलंपिक में पीवी सिंधू व साक्षी मलिक की कामयाबी पर गदगद देश को उनके लिये भी समय निकालना चाहिये जो पोडियम तक नहीं पहुंचे। हार के बाद भारतीय हॉकी टीम के कप्तान पी श्रीजेश ने माफी मांगी। इसलिए कि वह देशवासियों की उम्मीद पर खरा नहीं उतर सके। बावजूद इसके कि उनकी अगुवाई में 36 साल बाद टीम नॉकआउट स्टेज तक पहुंची थी। टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने भी माफी मांगी। इसलिए कि स्वतंत्रता दिवस पर भारतवासियों को ओलंपिक मेडल का उपहार न दे सकीं। आखिर माफी किसे मांगनी चाहिए। स्कूटर के कलपुर्जों पर अपनी प्रतिभा निखारने वाली जिमनास्ट दीपा करमाकर को। जिसके अपने फिजियो को साथ भेजने के अनुरोध को खेल प्राधिकरण ने पहले गैरजरूरी मानकर नकार दिया था। खेल मंत्री विजय गोयल को जो रियो को भी दिल्ली समझ बैठे। उन अधिकारियों को जो खुद बिजनेस क्लास में सफर कर रियो पहुंचे लेकिन एथलीट दुतीचंद को इकॉनमी क्लास में बिठा दिया। जमानत पर बाहर चल रहे इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) के पूर्व अध्यक्ष अभय चौटाला को। जिनके रियो पहुंचने पर खुद कोर्ट हैरान है। रियो में स्टेडियम की बजाय दर्शनीय स्थलों पर न जाने किसका हौ
तेजी से डिजिटल होती दुनिया में डिजिटल डिवाइड के इस पार भी एक दुनिया है